एसिडिटी क्या है
एसिडिटी एक चिकित्सा स्थिति है जो एसिड के अधिक उत्पादन के कारण होती है।एसिड पेट की ग्रंथियों द्वारा निर्मित होता है।एसिडिटी के कारण पेट में अल्सर, गैस्ट्रिक सूजन, हार्टबर्नऔर अपच जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
यह आमतौर पर कई कारकों के कारण होता है जैसे अनियमित खाने के तरीके, फिजिकल फिटनेस या गतिविधियों की कमी, शराब का सेवन, स्मोकिंग, स्ट्रेस, फाड़ डाइट और खराब खाने की आदतें है।जो लोग अधिक मसालेदार, मांसाहारी और तेल वाले भोजन का सेवन करते हैं, उनमें लोगों को एसिडिटी होने का खतरा अधिक होता है।
ज्यादा मात्रा या भारी भोजन का सेवन करने के बाद एसिडिटी से पेट और छाती में तेज जलन होती है, जिन लोगों को एसिडिटी होती है उनमें अपच और कब्ज भी आम है।
इसे होम रेमेडीज द्वारा स्वस्थ रूप से ठीक किया जा सकता है, एसिडिटी के सामान्य लक्षणों में अपच, जी मचलना, मुँह का खट्टा स्वाद, कब्ज, बेचैनी और पेट और गले में जलन शामिल है।
एसिडिटी के लक्षण
1. सीने और छाती में जलन, इससे सीने में दर्द भी रहता है
2. मुंह में खट्टा पानी आना
3. भोजन ठीक से नहीं पचता, इसकी वजह से घबराहट होती है
4. खट्टी डकारें आती हैं
5. गले में जलन-सी महसूस होती है
जब यह तकलीफ बार-बार होती है तो गंभीर समस्या का रूप धारण कर लेती है। एसिडिटी से कई बार रोगी ऐसा महसूस करता है जैसे भोजन उसके गले में आ रहा है या कई बार डकार के साथ खाना मुंह में आ जाता है। रात को सोते समय इस तरह की शिकायत ज्यादा होती है। कई बार एसिडिटी भोजन नली से सांस की नली में भी पहुंच जाता है, जिससे मरीज को दमा या खांसी की तकलीफ भी हो सकती है।
एसिडिटी बढ़ने के कारण
वो लोग जो ज्यादा मिर्च-मसाले वाला खाना खाते हैं, ज्यादा शराब पीते हैं उन्हें एसिडिटी की शिकायत ज्यादा होती है। इसके अलावा और भी कई वजहें हैं जिससे एसिडिटी बढ़ती है--
1. वक्त पर खाना न खाना
2. ज्यादा घी-तेल और मसाले वाला खाना खाना
3. भोजन करने के बाद दिन में सोना
4. अधिक समय तक तनावग्रस्त रहना
5. देर तक भूखे रहना
6. जंक फूड बहुत ज्याद खाना
7. पानी कम पीना
एसिडिटी में आयुर्वेदिक उपचार
अदरक का रस
नींबू और शहद में अदरक का रस मिलाकर पीने से, पेट की जलन शांत होती है।
अश्वगंधा
भूख की समस्या और पेट की जलन संबधित रोगों के उपचार में अश्वगंधा सहायक सिद्ध होती है।
बबूना
यह तनाव से संबधित पेट की जलन को कम करता है।
चन्दन
एसिडिटी के उपचार के लिए चन्दन द्वारा चिकित्सा युगों से चली आ रही चिकित्सा प्रणाली है। चन्दन गैस से संबधित परेशानियों को ठंडक प्रदान करता है।
चिरायता
चिरायता के प्रयोग से पेट की जलन और दस्त जैसी पेट की गड़बड़ियों को ठीक करने में सहायता मिलती है।
इलायची
सीने की जलन को ठीक करने के लिए इलायची का प्रयोग सहायक सिद्ध होता है।
हरड
यह पेट की एसिडिटी और सीने की जलन को ठीक करता है ।
लहसुन
पेट की सभी बीमारियों के उपचार के लिए लहसून रामबाण का काम करता है।
मेथी
मेथी के पत्ते पेट की जलन में सहायक सिद्ध होते हैं।
सौंफ
एसिडिटी में कुछ घरेलु नुस्खे
आंवला
जैसे आंवला खट्टा होता है, लेकिन एसिडिटी के घरेलू उपचार के रूप में यह बहुत शानदार है। फौरन राहत के लिए 2 चम्मच आंवला जूस या सूखा हुआ आंवला पाउडर और दो चम्मच पिसी हुई मिश्री ले लें और दोनों को पानी में मिलाकर पी जाएं।
दही
अपने रोजमर्रा के आहार में मट्ठा और दही शामिल कर लें। ताजे खीरे का रायता एसिडिटी का बेहतरीन उपचार हैं।
पानी
खूब पानी पीएं क्योंकि इससे न सिर्फ पाचन में मदद मिलती है बल्कि शरीर से टॉक्सिन भी फ्लशआउट हो जाते हैं।
हरी सब्जियां
यह सुनिश्चित कर लें कि आप खूब सारी हरी पत्तेदार सब्जियां और अंकुरित अनाज खाएं। ये विटामिन बी और ई का बेहतरीन स्रोत हैं। ये शरीर से एसिडिटी को बाहर निकाल लेते हैं।
एसिडिटी में लाभदायक कुछ चीजें
टमाटर
कैल्शियम, फास्फोरस व विटामिन-सी भरपूर टमाटर शरीर से जीवाणुओं को बाहर निकालने में मदद करता है। एसिडिटी में टमाटर खाने से लाभ मिलता है। इसका नियमित सेवन एसिडिटी से लंबे समय तक राहत दिलाता है। स्वाद में खट्टा होने के बावजूद टमाटर शरीर में क्षार की मात्रा बढ़ाता है। इसीलिए इसके सेवन से एसिडिटी नहीं बढ़ती।
संतरा
संतरे में मौजूद फ्रक्टोज, डेक्स्ट्रोज, खनिज एवं विटामिन शरीर में पहुंचते ही ऊर्जा प्रदान करने लगते हैं। संतरे का नियमित सेवन एसिडिटी से राहत पाने का उत्तम उपाय है।
पपीता
पपीता पचने में आसान है। इससे आमाशय तथा आंत संबंधी विकारों में बहुत लाभ मिलता है। पपीता कब्ज, गैस, एसिडिटी व कफ जैसे रोगों में लाभकारी होता है।
अमरूद
अमरूद कब्ज और एसिडिटी दोनों के लिए लाभकारी है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन, फाइबर व मिनरल होते हैं। फाइबरन की अधिकता के कारण यह कब्ज दूर करने में सहायक होता है।
जामुन
जामुन को दवा के तौर पर खाया जा सकता है। पेट के रोगों में जामुन का सेवन काफी लाभकारी होता है। खाली पेट जामुन खाने से गैस व एसिडिटी की समस्या से निजात मिलती है।
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नोट-इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
धन्यवाद।
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